Vishwakarma Jayanti 2024, विश्वकर्मा जयंती भगवान विश्वकर्मा को समर्पित एक त्यौहार है इस दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है भगवान विश्वकर्मा जी को वास्तुकार पहला इंजीनियर कहा जाता है।

विश्वकर्मा जी ने शिव जी का त्रिशूल ,विष्णु जी का चक्र जगन्नाथपुरी ,कृष्णा जी की द्वारिका स्वर्गलोक हस्तिनापुर ,इंद्रपुरी आदि कई चीज़े तैयार की थी।

विश्वकर्मा जयंती मुख्यतः हिन्दूओ का तयोहार है जो की भारत के असम। ,बिहार ,झारखण्ड ,ओडिसा ,त्रिपुरा ,पश्चिमबंगाल आदि प्रदेशो में मनाई जाती है।

भगवान विश्वकर्मा जी का जन्म

भगवान विश्वकर्मा का जनम माघ शुक्ल पक्ष त्रयोदशी को हुआ था।

भगवान विश्वकर्मा जी की पूजा विधि

सुबह ब्रम्हमुहूत्र में इस्नाम करके ,साफ़ सुथरे वस्त्र ,स्थान को स्वक्ष , रंगोली बनाकर , भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति स्थापित करके प्राथना की जाती है।

विश्वकर्मा पूजा का महत्त्व

भगवान विशकर्मा जी को पहला सृस्टि का पहला शिल्पकार और इंजीनियर माना जाता है इस दिन पूजा करने से सबकी इच्छा , मनोकामनाएं पूरी होती है और व्यपार में सफलता मिलती है। नौकरी में सफलता मिलती है सभी लोग अपने घर ,दूकान फैक्ट्री उद्योग के सभी उपकरण की पूजा करते है। साथ साथ में लोग अपने कार्यस्थल की भी पूजा करते है। बेल्डर और राजमिस्त्री जैसे व्यवसायों से जुड़े लोग अपने औजार की पूजा करते है।

हिंदू धर्म में विश्वकर्मा देवता को सृजन का देवता माना जाता है, जिन्होंने देवताओं के अस्त्र, भवन, स्वर्ग लोग, पुष्पक विमान का निर्माण किया था।

FAQ (Frequently Answer Question)

Q – विश्वकर्मा कौन सा धर्म है।

सनातन धर्म में विश्वकर्मा को निर्माण का देवता माना जाता है।प्रत्येक कन्या संक्रांति को विश्वकर्मा पूजा की जाती है इसे विश्वकर्मा जयंती भी कहते है। हिन्दू धर्म में ऐसा माना जाता है की आज के हे दिन भगवान विश्वकर्मा ने ब्रह्मा जी के सातवे पुत्र के रूप में अवतरित हुए थे।

Q – विश्वकर्मा किसका अवतार है।

विश्वकर्मा जी को सृस्टि के रचयिता ब्रम्हाजी का वंशज माना गया है.ब्रम्हा जी के वंशज वास्तुदेव थे,जिन्हे शिल्पशास्त्र का आदि पुरुष माना जाता है इन्ही की अंगिरषि नमक पत्नी से विश्वकर्मा जी का जन्म हुआ था।

Q – विश्वकर्मा पूजा और विश्वकर्मा जयंती में क्या अंतर है।

विश्वकर्मा पूजा और विश्वकर्मा जयंती मे एक अंतर है। की विश्वकर्मा पूजा हर साल कन्या संक्रांति के दिन होता है जो की 16 या 17 सितम्बर के आसपास मनाया जाता है जबकि विश्वकर्मा जयंती माघ महीने के शुक्ल पक्ष के दौरान होता है, जिसकी तिथि वर्ष 2024 में 22 फरवरी का मुहूर्त था।

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