भारत एक कृषि प्रधान देश है, इसी वजह से भारत मे Harvest Festival बहुत ही प्रसिद्ध है। और harvest Festival हर राज्य मे मनाये जाते है, सभी का त्यौहार मानने का तरीका अलग है, लेकिन सभी का लक्ष्य एक ही होता है। यह त्यौहार किसान तब मनाते है जब नई फसल की पूजा की जाती है, इसे सुख, समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। कुछ प्रसिद्ध Harvest Festival को हमने नीचे अच्छे से समझाया है। जो की आपको सरल भाषा मे मिले पढ़ने को मिले गी
मकर संक्रांति
मकर संक्रांति हिन्दुओ का एक महत्पूर्ण त्यौहार है। जो समृद्ध और संस्कृति का प्रतीक है। यह भारत के बहार नेपाल मे भी मनाया जाता है। इसे स्नान और दान का पर्व भी कहा जाता है। सूर्य इस दिन मकर संक्रांति मे प्रवेश करते है, इसलिए इसे संक्रांति कहा जाता है। इस दिन तिल और गुड़ का प्रयोग किया जाता है। यह भारत के अलग अलग जगह अलग अलग तरीको से मनाया जाता है। इसी दिन कुम्भ मेला भी लगते है, जो की प्रयागराज मे होता है।
बैसाखी
बैसाखी भारत का एक महोत्पूर्ण त्योहार है यह खास कर भारत के पंजाब और हरियाणा मे बहोत ही विशाल ढंग से मनाया जाता है लेकिन यह भारत मे भी बहोत धूमधाम से मनाया जाता है। बैसाखी Harvest Festival है। लोग इस दिन खेत मे जाते है खेत मे नाच गाने के साथ लुधकान,बोलिया और गीतों के साथ हर्षोउल्लास मनाया जाता है। यह बैसाख महीने का पहला दिन होता है,इस दिन खेती से जुड़े काम का शुभारंभ किया जाता है।
लदाख Harvest Festival
यह लड़ाख का परंपरागत फसलों का त्योहार है। यह साल के अक्टूबर या नवंबर महीने मे मनाया जाता है, क्यूकी इसी समय लद्दाख मे फसलों की कटाई पूरी होती है। यह उत्सव मे लद्दाख के लोग अपनी प्राचीन संस्कृति को समर्पित करते है, जिसमे ओ अपने संस्कृति के तौर पर स्थानीय पहनावा घुच्छा, परो, बाक धोजा पहनते है। Harvest Festival लद्दाख के लोगो के लिए उनकी परिणामो की प्रतिष्ठा और समुदाय के संघटन और साझेदारी को दर्शाता है।
Lohri
लोहडी एक भारतीय हिन्दु त्योहार है जो की हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, दिल्ली, हिमांचल प्रदेश और राजस्थान मे विशेष रूप से मनाया जाता है। यह त्योहार मकर संक्रांति के एक दिन पहले मनाया जाता है। लोहडी धान की फसल के दिन मे मुख्य उद्देश्य तापमान के निम्न होने के लिए भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। लोहडी के दिन लोग अपने आगन मे रात को अपने घर के आगन मे दिया जलाते है जिसको लोहडी दिया कहा जाता है। इस दिन लोग खाद्य प्रदार्थ बनाते है, और लोगो को बाटे जाते है। लोहड़ी सामाजिक, संस्कृति और खेती सम्बन्धी त्योहार है, जो संस्कृति और धार्मिक मूल्यो को साझा करते है।
Bhogali Bihu
भोगाली बिहू एक Harvest Festival है, जो की असम मे मनाया जाता है। इस त्योहार मे लोग आग मे गुड़, मूंगफली, गजक आदि को समर्पित करते है। यह Harvest Festival फसल काटने के बाद मनाया जाता है, इसका मुख्य उदेश्य उत्सव का आनंद लेने के लिए मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ खेत जाते है और चारपाई बिछाकर साथ मे खाने का आंनद लेते है। भोजन के रूप मे खास रूप से पिठा, लड्डू, चिरों आदि को बनाते है और इसका सेवन करते है। यह असम का सामाजिक और सांस्कृतिक Harvest Festival है, जो असम की परम्परा और समृद्धि खुशहाली का प्रतीक है।
वसन्त् पंचमी
बसंत पंचमी हिन्दुओ का एक मुख्य त्यौहार है, जो माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। यह त्यौहार वसंत ऋतू के शुरु होने की खुशी मे मनाया जाता है।इसी दिन मा सरस्वती की भी पूजा की जाती है, मा सरस्वती के अरविभार्व की स्मृति मे मनाया जाता हैं। वसंत पंचमी हिन्दु संस्कृति मे विद्या की देवी मा सरस्वती के समर्पित मे होता है, इस दिन स्कूल संस्था मे छोटे बच्चे सफ़ेद कपड़े पहनकर मिठाई खाकर इस त्यौहार का आंनद उठाते है। यह जीवन मे नई शुरुआत के लिए बहोत हे शुभ मना जाता है।
Wangala Utsav
वांगला उत्सव एक प्रमुख Harvest Festival है, जो की मेघालय राज्य मे मनाया जाता है। यह एक सांस्कृतिक और सामजिक त्यौहार है, जो गरो जनजाति के बीच मे बहुत महत्वपूर्ण त्यौहार होता है, जो की खुशहाली का संकेत है। यह हर साल अक्टूबर और नवम्बर के बीच मे मनाया जाता है, जो की खेती की फसल धान की कटाई के बाद मनाया जाता है। इस उत्सव मे लोग परम्परागत कपड़े और आभूषण पहनते है, और स्थानी खाद्य पदार्थ का भोजन करते है।
ओणम
ओणम दक्षिण भारत का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है, जो की Harvest Festival मे आता है। यह 10 दिनों तक चलता है। यह त्यौहार खेतो मे अच्छी फसल की उपज के लिए मनाया जाता है, यह त्यौहार भगवान विष्णु के वामन अवतार के लिए मनाया जाता है। ओणम का त्यौहार हर साल अगस्त या सितंबर महीने मे मनाया जाता है, और इसके हर दिन का एक अलग महत्व है, लोग अपने घरों को 10 दिन तक साज सज्जा से रखते है, और भगवान विष्णु की पूजा करते है। ओणम के पहले दिन राजा बलि पाताल लोक से धरती लोक आते है, और अपने प्रजा का हाल पूछते है ऐसे भी मान्यता है।
पोंगल
पोंगल त्यौहार खास कर दक्षिण भारत मे मुख रूप से केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, आँध्रप्रदेश, मे मनाया जाता है, यह भी Harvest Festival मे आता है, क्युकी पोंगल उत्सव खास कर किसान के द्वारा खेतो मे बुवाई के बाद मनाया जाता है, और इसमे चावल का भोग बनाया जाता है जिसे पोंगल कहा जाता है। इसलिए यह एक Harvest Festival है।
यह जनवरी और फ़रवरी माह मे मनाया जाता है। पोंगल का उत्सव लोगो को सामजिक और सहयोग की भावना को एक साथ आने की प्रेरणा देता है। पोंगल मे लोग भगवान सूर्य की पूजा करते है, और संकृतिक कार्यक्रम का आयोजन करते है। पोंगल उत्सव 4 दिन तक मनाया जाता है, और बहोत ही धूमधाम से मनाया जाता है। क्यूकी पोंगल के दिन ही तमिल नौवर्ष की भी शुरुआत हो रही है।
नौखाई (Naukhai )
नौखाई एक Harvest Festival है जो की ओड़िशा मे मनाया जाता है। इस त्यौहार का मतलब होता है, नये खाने का प्रसाद मतलब की यह त्यौहार धान कटाई होने के बाद किसानो द्वारा मनाया जाता है। इस त्यौहार मे धन की देवि लक्ष्मी जी और समृद्धि के देवी की पूजा होती है। नौखाई मे लोग अपने परिवार और समुदाय के लोगो के साथ एक दुशरे को नये खाने का प्रसाद बटाते है। यह ओड़िशा की धार्मिक और संस्कृतिक कृषि का उत्सव है, यह लोगो को जोड़ता है।
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FAQ (Frequently Asked Question)
भारत का सबसे प्रसिद्ध फसल त्योहार कौन सा है।
भारत का सबसे प्रसिद्ध फसल त्योहार मकर संक्रांति है।
पोंगल का दूसरा नाम क्या है।
इसे अलग अलग राज्य में अलग अलग नाम से जाना जाता है जैसे महाराष्ट्र में उतरायण पंजाब में लोहड़ी के नाम से मनाया जाता है।
फसलों का त्योहार क्यों मनाया जाता है।
फसल की अच्छी पैदावार की प्रार्थना करने के लिए फसलों का त्योहार यानी Harvest festival मनाया जाता है।